Ashish Kumar

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दिल का पैगाम लेखनी प्रतियोगिता -22-Dec-2022

दिल का पैगाम

भेज रहा हूँ पैगाम तुझको
आँखें मिलाकर आँखों से
चेहरा पढ़कर महसूस कर ले
जो समझा न सके अपनी बातों से

ना समझना इसे कोरा कागज
ना तौलना इसे लहू के नातों से
है पैगाम हमारा वफा-ए-इश्क
जो लिखा है दिल के जज्बातों से

इसमें लगी है प्यार की स्याही
पैगाम भरा है चाहतों से
समझी अगर यह प्रेम की भाषा
पढ़ लूँगा तेरी खिलखिलाहटों से

पसंद आए अगर पैगाम हमारा
भेजना जवाब अपनी आँखों से
मिलने आ जाऊँगा सपने में तेरे
मैं सोया नहीं हूँ कई रातों से

दिल का पैगाम दिल ही समझे
समझेगी तू भी दिल के हालातों से
कर दे तू भी हाल-ए-दिल बयां
भरता नहीं दिल जरा सी मुलाकातों से

               - आशीष कुमार
           मोहनिया, कैमूर, बिहार

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10 Comments

बहुत खूबसूरत एहसास

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Ashish Kumar

06-Apr-2023 06:59 PM

जी बहुत-बहुत धन्यवाद 🙏🙏

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Punam verma

23-Dec-2022 09:39 AM

Very nice

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Ashish Kumar

23-Dec-2022 12:57 PM

थैंक यू सो मच

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Swati chourasia

23-Dec-2022 05:55 AM

बहुत खूब 👌👌

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Ashish Kumar

23-Dec-2022 12:57 PM

जी बहुत-बहुत धन्यवाद

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